बाबे लालू जसराय जी की अरदास

चढ़े जब चाँद मकरन्द पूजा करे भानु की जोत पर रहे उजालू |

देवी और देवता सिद्ध पूजा करे नित्य नारद उठ वेद बोलू ||

कहे जोधाराय तेरी जोत जागे रहे सदा अगम निगम पूरन नहालू |

दूध और पूत धन लक्ष्मी देत है सोई जागती जोत जसराय लालू ||

बड़ोई दाता जाकौ सुमिरै परभाता, नाम लेत दुख जाता ऐसे लालू जसरायजी | जू |

लाल ही घोड़ा जोडालाल ही मंदिर, सोहे जाको लाल हो आभूषण रहे मन भाय जू ||१||

हिंगलाज के सपूत बैरी मारे सब दूत ऐसो कहै जोधाराय सो तौ सन्तन सहाय जू| झिंगरन जै जैकार करै,

खन्ने जी चोटी धरे भट्ट ठाड़े अस्तुति करे भक्तन मन भाय जू ||२||

जाको कवि जय जय करै जे सुमिरे होय काज |

जाकू दुख दारिद्र नहीं जे सुमिरे जशराज ||

जे सुमिरे जसराज, काज सब वाके होई |

जो सुमिरे जसराज, वो निर्धन रहे न कोई ||

जे सुमिरे जसराज, दुख दारिद्र नशावे |

और जे सुमिरे जसराज नित उठ मंगल गावे ||

कवि जीवन जसराज सुमिरिये रिद्धि जा भजेय |

श्री हिंगलाज कारज करहि बोल लाल मंदिर वाले बाबा की जय ||

इति श्री बाबे जी की अरदास बड़ी ||